राजनांदगांव।शहर को एक समय में राष्ट्रीय स्तर का गौरव दिलाने वाली श्री देव आनंद जैन स्कूल आज बंद किये जाने के कगार पर पहुंच गई है। पिछले कुछ दशकों से लगातार ग्रहण के चलते संस्था में लगातार नुकसान के गर्त में चली जारही थी। बताया यह भी गया इसे भू-माफिया की नजर लग जाने के बाद से ही हालात बिगड़ते गये। संस्था में ट्रस्ट मंडल और प्रबंधन के बीच बिगड़ते सत्ता पर काबिज रहने की जिद्द ने इसे सड़क की लड़ाई पर ला दिया। क्रांतिकारी संकेत को मिली जानकारी के संस्था के भीतर चल रहे द्वंद्व को समाप्त करने के लिए कमलचंद पटवा की अपील पर आज संस्था के ही पदाधिकारियों की हठधर्मिता और पदलोलुपता ने पतीला लगा दिया। संस्था के सचिव को जारी पत्र—–
प्रति
श्रीमान गौतम चंद जी पारख,
सचिव श्री देव आनंद जैन शिक्षण संघ राजनांदगांव
विषय 27 अप्रैल2024 को आयोजित आमसभा के संदर्भ में मेरे पत्र दिनांक 06.02.2024 तथा 18.04.2024 का अवलोकन करें.
उपरोक्त 27 अप्रैल2024 की आमसभा के पूर्व आपके द्वारा फरवरी के द्वितीय सप्ताह में प्रबंधकारणी की बैठक ली गई थी इस बैठक के पूर्व आपसे एक पत्र भेज विनम्र अनुरोध किया गया था कि संस्था के हित में हमें आपसी सामंजस्य बनाकर उचित निर्णय लेना है।
संस्था के सदस्यता बाबत विधि विधान में उल्लेखित अनुसार ही हमें निर्णय लेना होगा सर्वप्रथम संस्था के विधान धारा 8 अनुसार सदस्यता के लिए निर्धारित शुल्क जमा कराया जाना अनिवार्य है इसी आधार पर माहअगस्त ,2021 में ट्रस्ट मंडल के सदस्यों ने रसीद बुक क्रमांक 7,8,9,10 तथा 11 में सदस्यों की सदस्यता राशि ली गई तथा इसे संस्था के बैंक खातों में डिपॉजिट कराया गया इस राशि को वित्तीय वर्ष 2021-22 के ऑडिट रिपोर्ट में भी लिया गया है। संस्था की सदस्यता के लिए दूसरी अनिवार्य शर्त धारा 9 के अनुसार ट्रस्ट मंडल द्वारा अनुमोदन अनिवार्य है इन सदस्यों को ट्रस्ट मंडल की बैठक 26.06.2022 में अनुमोदित भी किया गया इसके पूर्व संस्था में 21 11 21 को लिए निर्णय अनुसार अब नए सदस्य नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। आपको विनम्र अनुरोध के साथ इन पत्रों में लिखा गया था की जिन सदस्यों की सदस्यता का अनुमोदन ट्रस्ट मंडल ने नहीं किया गया है उनकी सदस्यता राशि को लौटाकर संवैधानिक कार्य किया जाए। किन्तु आपके द्वारा ट्रस्ट मंडल के द्वारा बिना अनुमोदित सदस्यों को स्व.श्रीमान प्रकाशचंदजी सांखला के हस्ताक्षर वाला दिनांक 29.06.2022 की तारीख में अनुमोदन बताते हुए जोड़ा जा रहा है,जो कि धोखाधड़ी का मामला बनता है।
जबकि इन सूची में स्व प्रकाशचंद जी के हस्ताक्षर के बाद की तारीख सदस्यता राशि ली गई हैं।
इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन है की असंवैधानिक कृत्यों को अंजाम न देकर वित्तीय वर्ष 2021-22 में बने सदस्यों के मौलिक/ वैधानिक अधिकारों का हनन न किया जाए ताकि संस्था पर कानूनी कार्रवाई का संकट ना हो । इसके बाद ही अन्य संस्था के निर्णय के संबंध में सभी अधिकार प्राप्त सदस्यों को आमंत्रित कर आपसी सामंजस्य बनाकर विधि विधान अनुसार निर्णय लिया जावे भविष्य में संस्था समाज की धरोहर बन पूर्व की भांति हजारों छात्र-छात्राओं और समाज के युवा वर्ग को दिशा देने वाला यह केंद्र बने इस शुभकामनाओं के साथ यह पत्र प्रेषित है ,आशा है आप संस्था समाज धर्म हित में उचित निर्णय लेने के लिए इस पर विचार करेंगे और आज 27.04.2024 की बैठक न आयोजित कर आपसी सामंजस्य की दिशा में कदम बढ़ावें।
आज की अवैधानिक सभा में ट्रस्ट मंडल का उपस्थित होना उचित नहीं समझता हूं, आशा है आप संघ हित में सोचेंगे।
आपका ही
विनम्र
कमलचंद पटवा
अध्यक्ष ट्रस्ट मंडल