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डीए पर भेदभाव का खेल एक ही दिन दो आदेश : आज आईएएस को जनवरी 23 से एरियर सहित 42% और जुलाई 23 से 46% एक साथ दो आदेश तो कर्मचारियों को बिना एरियर क्यों?

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  • रायपुर (क्रांतिकारी संकेत) छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक तथा भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आज सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 22/11/23 को जारी अलग अलग दो आदेश जिसमें राज्य में अखिल भारतीय सेवा अर्थात आईएएस/आईएफएस/ आईआरएस जैसे पदों पर छत्तीसगढ़ के खजाने से ही वेतन भत्ते लेने वाले अधिकारी वर्ग ने अपने खुद के हस्ताक्षर से खुद के लिए जनवरी 23 से एरियर सहित 42% और जुलाई 23 से 46% डीए लेने के आदेश जारी कर कर्मचारियों के साथ छल किया है।जबकि कर्मचारियों और पेंशनरों को 42% डीए डीआर का लाभ का आदेश जुलाई 23 से दिया गया है।46% आदेश का पता नहीं है।

राज्य के प्रमुख कर्मचारी नेता नामदेव ने आगे बताया है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के अधिकारियों ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए जानबूझकर अपना डीए का आदेश विलम्ब से जारी किया है,क्योंकि पहले जारी करने से एरियर को लेकर कर्मचारियों के भड़कने से चुनाव में असर पढ़ने का डर था। क्योंकि पहले ऐसा कभी कभी ही हुआ है जब अखिल भारतीय सेवा के सेवारत अधिकारियों का आदेश कर्मचारियों के बाद हुआ है।ऐसा तभी हुआ है जब कोई विशेष कारण रहा है वरना हर बार कर्मचारियों के पहले हर बार एरियर के साथ अपना आदेश खुद करते रहे हैं।

जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र नामदेव, फेडरेशन से जुड़े छ ग पेंशनधारी कल्याण संघ के डा डी पी मनहर, पेंशनर एसोशिएशन के यशवंत देवान, प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के आर पी शर्मा, बीआरपीएमएस के जे पी मिश्रा पेंशनर समाज के ओ पी भट्ट आदि ने छत्तीसगढ़ शासन के डीए डीआर देने में भेदभाव नीति को लेकर रोष जाहिर किया है और चुनाव आयोग से अनुमति आने के बाद भी कर्मचारियों और पेंशनरों के 46% डीए डीआर के आदेश में की जा रही विलंब को अन्याय निरूपित करते हुए तुरन्त एरियर सहित आदेश प्रसारित कर जायज हक देने की मांग की है।

 

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